मूल में मनोकामनाओं की पूर्ती किआस संसार में है और ऐहिक इच्छाओं की सामग्री भी सँसार से ही मिलती है,,तो-----
कामनाओ के बीजारोपण बंद करे । एकमात्र कामना यही
हो की की भगवान के नाम -रूप-लीला-धाम रूप चतुष्टय में
से किसी 1 का आश्रय हो जाये। फिर बाक़ी व्यवस्था
घनश्याम के जिम्मेदारी। मैंने तो संतो के आदेशानुसार
नाम का आश्रय लिया,और आपने?