परमपूज्य माता जी जो कि अग्निकुंड जनकपुर धाम में निवास करती है ,सम्पूर्ण विश्व उनको माई जी के नाम से पुुकारती है
माई जी ने सम्पूर्ण जीवन दूसरों की भलाई एवं पूजा पाठ में हीं जीवन व्यतीत किया है माई जी के हजारो शिष्य है जिन्हों ने उनसे दीक्षा लेकर अपना जीवन कृतार्थ किया है माता जी के चरण स्पर्श मात्र से जीवन धन्य हो जाता है
माता जी ने श्री सियाराम राम जी के प्रेम बहुत सुंदर पुस्तक पद्मराग लिखी है वैसे तो आप इस पुस्तक को दुकान से भी
ले सकते है परंतु फिर भी हमने इस पुस्तक PDF रूप में आपके लिए उपलब्ध किया है
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